Nida fazli at hirdu kavyashala
मरहूम निदा फ़ाज़ली साहब का एक गीत और एक ग़ज़ल... गीत: तू इस तरह से मेरी ज़िंदगी में शामिल है... जहाँ भी जाऊँ ये लगता है, तेरी महफ़िल है... ये आसमान ये बादल ये रास्ते ये हवा... हर एक चीज़ है अपनी जग...
''हिर्दू कव्यशाला'' हिंदी - उर्दू के प्रचार - प्रसार के लिए गठित एक अ-व्यावसायिक संस्था है जिसके संरक्षक मशहूर शायर डा. अंसार क़म्बरी और प्रसिद्द कवि डा. कमलेश द्विवेदी हैं संस्था के संस्थापक युवा शायर शिवम् शर्मा गुमनाम एवं अध्यक्षा रश्मि द्विवेदी हैं...