Judaai ki ghadi ho jaise
ग़ज़ल: ऐसे चुप हैं कि ये मंज़िल भी कड़ी हो जैसे। तेरा मिलना भी जुदाई कि घड़ी हो जैसे।। अपने ही साये से हर गाम लरज़ जाता हूँ।। रास्ते में कोई दीवार खड़ी हो जैसे।। मंज़िलें दूर भ...
''हिर्दू कव्यशाला'' हिंदी - उर्दू के प्रचार - प्रसार के लिए गठित एक अ-व्यावसायिक संस्था है जिसके संरक्षक मशहूर शायर डा. अंसार क़म्बरी और प्रसिद्द कवि डा. कमलेश द्विवेदी हैं संस्था के संस्थापक युवा शायर शिवम् शर्मा गुमनाम एवं अध्यक्षा रश्मि द्विवेदी हैं...