bebak jaunpuri at hirdu
आइये मिलते हैं देश के एक और बड़े कवि श्री अनित्य नारायण
मिश्र जी से... जिन्हें साहित्य जगत में बेबाक जौनपुरी भी कहा जाता है... आइये आनंद लेते हैं बेबाक साहब के कुछ दोहों का -
सुपथ -कुपथ दो राह हैं ,दोनो में है नाम! कुपथ
सुपथ-कुपथ दो राह हैं ,दोनो में है नाम!
कुपथ चला लंकेश तो, सुपथ चले श्री राम!!
मंदिर मस्जिद देश है, कर आदाब प्रणाम!
काशी काबा है यही, इसका भारत नाम!!
अपने जो माँ बाप का, माने ना उपकार!
देवी माँ के धाम पर, करते जय जय कार!!
कवि कविता को खा गये,नेता खा गये देश!
बाबा लीलें धरम को ,प्रतिभा बसी विदेश!!
पशुओं से ही सीख लो, मिलन देह मधुमास!
नग्न अवस्था घूमते, पहने नहीं लिबास! !
तितली का तो काम है,बागों में मड़राय!
छिपकर बैठी छिपकली, लगे दाँव खा जाय!!
यीशु टंगे सलीब पर, जहर पिये सुकरात!
गाँधी गोली खा गये, सत्य सहे आघात!!
- बेबाक
जौनपुरी
सुपथ -कुपथ दो राह हैं ,दोनो में है नाम! कुपथ चला लंकेश तो, सुपथ चले
श्री राम!!
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