rashmi dwivedi at hirdu kavyashala
रू - ब - रू होते हैं कानपुर
की उस शायरा से जो न केवल अपने शेरो-शायरी से शायरा हैं बल्कि अपने लहजे से भी
शायरा हैं...शायद आपने ठीक पहचाना हम बात कर रहें हैं रश्मि द्विवेदी की...
रश्मि कम उम्र की वो बड़ी शायरा हैं जिन्हें बड़े - बड़े शायर दिल थाम कर सुनते
हैं... आइए लुत्फ़ लेते हैं रश्मि जी के बहु-चर्चित गीत "मेरे भोले पिया" का... मगर उससे पहले ग़ज़ल कुछ अश'आर भी आपकी नज़्र...
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रश्मि द्विवेदी |
ग़ज़ल...
चाहें अश्क़ों की गवाही मत लिखो।
पर ये झूठी वाह वाही मत लिखो।
बात मानों, साथ मत दो झूठ का,
चाहें मेरी बेगुनाही मत लिखो।
हो अमन बस मेरे हिंदुस्तान में,
बेवजह की तुम तबाही मत लिखो।
प्यास प्यासों की बहुत बढ़ जाएगी,
इन लबों को तुम सुराही मत लिखो।
रो पड़ूगीं "रश्मि" इसको पढ़ के मैं,
ऐ मिरी गुस्ताख़ स्याही मत लिखो।
गीत - मेरे भोले पिया...
आँखों आँखों में
इजहार तुमने किया
मेरे बस में नहीं अब ये मेरा जिया।
तुम समन्दर से हो मैं हूँ प्यासी नदी
तुम से मिल कर के पावन हुई मैं पिया…
मेरे भोले पिया मेरे प्यारे पिया...
तुमसे मिलने को आतुर तुम्हारी सिया...
मोहे भावे न लाली न कजरा पिया
स्याह बालों में उलझा हैं गजरा पिया
मैं तो विरह की मारी तड़पती रही
तुम न आये बुझा चाहतों का दिया...
मेरे भोले पिया मेरे प्यारे पिया...
तुमसे मिलने को आतुर तुम्हारी सिया...
काले बादल से काले थे मेरे नयन
और नयनो को थी बस तुम्हारी अगन
तुम जो ठहरे थे सावन से ठहरे रहे
और नयनो ने बहना शुरु कर दिया...
मेरे भोले पिया मेरे प्यारे पिया...
तुमसे मिलने को आतुर तुम्हारी सिया...
मैं तो दर दर भटकती रही बावरी
जैसे कान्हा को ढूंढे कोई सांवरी
तुम हो मोहन अगर तो मैं हूँ राधिका
गर हो रघुवर तो मैं हूँ तुम्हारी सिया
मेरे भोले पिया मेरे प्यारे पिया ...
तुमसे मिलने को आतुर तुम्हारी सिया...
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रश्मि द्विवेदी
संतोष शाह (सह-संस्थापक)
शिवम् शर्मा गुमनाम (सह-संस्थापक)
रश्मि द्विवेदी (अध्यक्षा)
संपर्क सूत्र - 8896914889
Bhaut khub
ReplyDeleteप्यास प्यासों की बहुत बढ़ जाएगी,
ReplyDeleteइन लबों को तुम सुराही मत लिखो।
वाह वाह वाह । बहुत खूब।
गीत भी बेहद शानदार👌👌
बहुत सुंदर गीत रश्मि जी हार्दिक बधाई 😊💐
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