Aslem rashid at hirdu kavyashala

आज रू-ब-रू होते हैं उर्दू अदब के बाकमाल शायर जनाब असलम राशिद साहब से... गुना, मध्यप्रदेश से ताअल्लुक़ रखने वाले असलम राशिद साहब मशहूर शायर तो हैं ही इसके अलावा राशिद साहब की बॉलीवुड लिरिसिस्ट, स्क्रिप्ट राइटर, फ़िल्म मेकर एवं फोटोग्राफर के रूप में अपनी एक अलग पहचान है...अपने ख़ास लहजे की शायरी से राशिद साहब शायरी-पसंद लोगों के दिलों में एक ख़ास जगह रखते हैं... आइए लुत्फ़ लेते हैं राशिद साहब की एक बेहद ख़ूबसूरत ग़ज़ल का...
असलम राशिद
जब मिले बस उदास फूल मिले।
हमको कब ख़ुश-लिबास फूल मिले।।

उसकी आँखों के रंग जैसे हैं,
आज तोहफ़े में ख़ास फूल मिले।।

सबको पत्थर पे शक हुआ था मगर,
ज़ख़्म के आसपास फूल मिले।।

साथ खिलते थे साथ मुरझाये,
हमको चहरा शनास फूल मिले।।

मुझको ख़ुशबू यहीं से आती थी,
उसकी आँखों के पास फूल मिले।।

शाख़ से टूट कर उदास रहे,
शाख़ पर कब उदास फूल मिले।।
- असलम राशिद

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Comments

  1. bahut achchha prayaas hai ,mubarakbaad ,main bhi judna chahoonga -
    sajid Hashmi 'sajid'-9425660027

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  2. Aslam Rashid sahab ek Moatbar naam hai ,bahut khoob ghazal hai unki ,unhe aur aapko mubarakbaad

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