Shubham sarkar at hirdu kavyashala
आज आपको मिलवाते हैं इलाहाबाद के नौजवान शायर शुभम सरकार से... एक अलग कहन सरकार की शायरी को ख़ास बनाती है... लुत्फ़ लेते हैं सरकार की एक ग़ज़ल का मगर उससे पहले कुछ फुटकर शेर...
फुटकर शेर-
यक़ीनन था नहीं काबिल तुम्हारे,
तुम्हारी सोच से आगे का था मैं।।
हवा औक़ात पे आ जाए अपनी,
दिया ऐसी हिमाक़त क्यों करेगा।।
इतना कैसे जी लेते हो,
इतने में सब मर जाते हैं।।
उन ज़ख़्मों का दर्द न पूँछों,
जिनके हिस्से ज़िस्म न आया।।
नहीं देते तवज़्ज़ो तुम मिरे जिस शेर को साहब,
उसी को सुन के ये दुनिया मुझे सरकार कहती है।।
ग़ज़ल-
तुम्हारे बाद कुछ लिक्खे नहीं हैं,
कई दिन हो गये रोये नहीं हैं।।
उलझते तो तुम्हें हम पा ही लेते,
मग़र हम इश्क़ में उलझे नहीं हैं।।
बगीचा है महज़ ये ज़ख़्म का ही,
दवाई के यहाँ पौधे नहीं हैं।।
बुरे तो हैं नहीं ये जानते हैं,
तिरे नज़रो में पर अच्छे नहीं हैं।।
उन्हीं का दिल तो बच्चों की तरह है,
जो कहते हैं कि हम बच्चे नहीं हैं।।
अगर रोते तो तुमको याद करते,
मग़र अफ़सोस अब रोते नहीं हैं।।
मिरे जैसों को तो सब चाहतें हैं,
मिरे जैसों को सब पाते नहीं हैं।।
- शुभम सरकार
हिर्दू काव्यशाला से जुड़ें:
शिवम् शर्मा गुमनाम, सह-संस्थापक
संतोष शाह, सह-संस्थापक
रश्मि द्विवेदी, अध्यक्षा
संपर्क सूत्र- 7080786182, 8299565686, 8896914889
ई-मेल- hirdukavyashala555@gmail.com
वेबसाइट- www.hirdukavyashala.com
ब्लॉगर- www.hirdukavyashala.blogspot.in
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शुभम सरकार |
यक़ीनन था नहीं काबिल तुम्हारे,
तुम्हारी सोच से आगे का था मैं।।
हवा औक़ात पे आ जाए अपनी,
दिया ऐसी हिमाक़त क्यों करेगा।।
इतना कैसे जी लेते हो,
इतने में सब मर जाते हैं।।
उन ज़ख़्मों का दर्द न पूँछों,
जिनके हिस्से ज़िस्म न आया।।
नहीं देते तवज़्ज़ो तुम मिरे जिस शेर को साहब,
उसी को सुन के ये दुनिया मुझे सरकार कहती है।।
ग़ज़ल-
तुम्हारे बाद कुछ लिक्खे नहीं हैं,
कई दिन हो गये रोये नहीं हैं।।
उलझते तो तुम्हें हम पा ही लेते,
मग़र हम इश्क़ में उलझे नहीं हैं।।
बगीचा है महज़ ये ज़ख़्म का ही,
दवाई के यहाँ पौधे नहीं हैं।।
बुरे तो हैं नहीं ये जानते हैं,
तिरे नज़रो में पर अच्छे नहीं हैं।।
उन्हीं का दिल तो बच्चों की तरह है,
जो कहते हैं कि हम बच्चे नहीं हैं।।
अगर रोते तो तुमको याद करते,
मग़र अफ़सोस अब रोते नहीं हैं।।
मिरे जैसों को तो सब चाहतें हैं,
मिरे जैसों को सब पाते नहीं हैं।।
- शुभम सरकार
हिर्दू काव्यशाला से जुड़ें:
शिवम् शर्मा गुमनाम, सह-संस्थापक
संतोष शाह, सह-संस्थापक
रश्मि द्विवेदी, अध्यक्षा
संपर्क सूत्र- 7080786182, 8299565686, 8896914889
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Kya baat hai sarkar sahab
ReplyDeleteGajab
Bhagwan aapko nayi uchhaiyan de
Bahut bahut shukriya aapka
Deleteबहुत सुन्दर मेरी जान
ReplyDelete💗💗💗💗💗💗💗
Shukriya jani
DeleteKya baat ����
ReplyDeleteShukriya bhai
Deleteक्या बात है मेरी जान
ReplyDeleteवाह
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