Suresh gupt rajhans at hirdu kavyashala
आप आपको मिलवाते हैं साहित्यनगरी कानपुर के सुप्रसिद्ध कवि सुरेश गुप्त राजहंस जी से... गीत, ग़ज़ल, दोहे एवं छंद लगभग सभी विधाओं में आप कुशल हैं... कवि होने के साथ - साथ राजहंस जी तरंग साहित्यिक संस्था के संयोजक भी हैं ... आपको बता दें तरंग ख़ास तौर से कविता की नयी पौध को सींचने का काम कर रही है... आइये आनंद लेते हैं राजहंस जी द्वारा रचित सरस्वती वंदना का... और माँ भगवती के चरणों में अपना नमन प्रेषित करते हैं...
![]() |
सुरेश गुप्त राजहंस |
वंदना:
वंदना है माँ वरदान दो।
शारदे सार दे के सुशोभित करो,
सप्त सरगम सा स्वर ज्ञान दो ।।
वंदना है माँ...
अक्षरा अच्युता अम्ब आनंदिता
आसरा आपका आज आओ,
कल्पना काव्यकृति का कलेवर करो,
कर कृपा कोर करनी कराओ,
कर कृपा कोर करनी कराओ,
सुचि सरलता से स्वरज्ञान दो।
वंदना है माँ...
मैं पथिक पंथ का पथ प्रदर्शक हो तुम,
प्यार पोषित प्रखर प्रीति पाऊँ।
प्यार पोषित प्रखर प्रीति पाऊँ।
मन के मन्दिर में ममतामयी को बिठा,
मन की मनका ले माँ को मनाऊँ।
मन की मनका ले माँ को मनाऊँ।
मेरी विनती पे कुछ ध्यान दो।
वंदना है माँ...
लक्षणा व्यंजना शब्द सामर्थ्यता
जानता ही नहीं जो मैं अर्पण करूँ,
जानता ही नहीं जो मैं अर्पण करूँ,
अर्चना वंदना तेरी अभ्यर्थना
पास मेरे नहीं क्या समर्पण करूँ।
'राजहंसी' समाधान दो।
वंदना है माँ वरदान दो।
- सुरेश गुप्त राजहंस
हिर्दू काव्यशाला से जुड़ें:
शिवम् शर्मा गुमनाम, सह-संस्थापक
संतोष शाह, सह-संस्थापक
रश्मि द्विवेदी, अध्यक्षा
संपर्क सूत्र- 7080786182, 8299565686, 8896914889
ई-मेल- hirdukavyashala555@gmail.com
वेबसाइट- www.hirdukavyashala.com
ब्लॉगर- www.hirdukavyashala.blogspot.in
- सुरेश गुप्त राजहंस
हिर्दू काव्यशाला से जुड़ें:
शिवम् शर्मा गुमनाम, सह-संस्थापक
संतोष शाह, सह-संस्थापक
रश्मि द्विवेदी, अध्यक्षा
संपर्क सूत्र- 7080786182, 8299565686, 8896914889
ई-मेल- hirdukavyashala555@gmail.com
वेबसाइट- www.hirdukavyashala.com
ब्लॉगर- www.hirdukavyashala.blogspot.in
बहुत सुन्दर माँ वीणावादिनी की वंदना
ReplyDeleteसादर नमन