Ek shayar ne kya bana dala

ग़ज़ल: एक शायर ने क्या बना डाला...
एक शायर ने क्या बना डाला।
इश्क़ को वाक़या बना डाला।।
इक ख़ुदा के बनाये लोगों ने,
अपना अपना ख़ुदा बना डाला।।
लोग सुनते हैं वाह करते हैं,
हमने ग़म को मज़ा बना डाला।।
उसने आँखों मे डालकर आँखें,
आँखों को आईना बना डाला।।
मैने उस तक ही ख़्वाहिशें रखकर,
ख़्वाब का दायरा बना डाला।।
- गौरव त्रिवेदी

आप भी अपनी रचनाएँ हमें भेज सकते हैं...
ई-मेल : hirdukavyashala555@gmail.com

हिर्दू फाउंडेशन से जुड़ें:
: वेबसाइट : इंस्टाग्राम : फेसबुक :

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:
शिवम् शर्मा गुमनाम (संस्थापक एवं सचिव)
रश्मि द्विवेदी (अध्यक्षा)
संतोष शाह (संस्थापक सदस्य)
संपर्क सूत्र: 7080786182, 9889697675

Comments

Popular posts from this blog

lakho sadme dhero gham by azm shakiri

Bahut khoobsurat ho tum by tahir faraz at hirdu

Agnivesh shukla at hirdu kavyashala