Yash & shivam at hirdu kavyashala
जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं यश...
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ग़ज़ल: मैं उसकी याद में खोया हुआ था...
मैं उसकी याद में खोया हुआ था।
जो मेरे सामने बैठा हुआ था।।
न होना चाहिए जिनको जहाँ पर,
वहाँ मैने उन्हें देखा हुआ था।।
बहुत छोटी-सी थी ये जिन्दगी पर,
तुम्हारे बिन सफर लम्बा हुआ था।।
गुजारा साथ जिसके सारा बचपन,
खिलौना वो कोई टूटा हुआ था।।
वो मुश्किल वक्त बीता, तो लगा यूँ,
हुआ था जो बहुत अच्छा हुआ था।।
- यश दुबे
ग़ज़ल: हूँ मैं क्या और क्या नहीं हूँ मैं...
हूँ मैं क्या और क्या नहीं हूँ मैं।
जैसा तुमने सुना, नहीं हूँ मैं।।
याद तुम आए नम हुई आँखें,
यानी पत्थर हुआ नहीं हूँ मैं।।
हाँ ये सच है वफ़ा न कर पाया
जो भी हो बेवफ़ा नहीं हूँ मैं।।
हिज्र ही है मेरे मुक़द्दर में,
फिर भी तुझसे जुदा नहीं हूँ मैं।।
यूं थे हालात ख़ुदकुशी कर लूं
हौसला था मरा नहीं हूँ मैं।।
ये तो हालात हैं जो ऐसा हूँ,
वरना इतना बुरा नहीं हूँ मैं।।
- शिवम् शर्मा गुमनाम
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शिवम् शर्मा गुमनाम, संस्थापक एवं सचिव
रश्मि द्विवेदी, अध्यक्षा
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संपर्क सूत्र : 7080786182, 9889697675
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