Suddhant deekshit at hirdu kavyashala
ग़ज़ल: चाह कर अब हो नहीं पाउँगा मिर्ची की तरह। घेर रक्खा है मुझे दुनिया ने चींटी की तरह।। घूरती और नोंचती रहती है मुझको हर निगाह, बन गया हूँ मैं हक़ीक़त कह के लड़की की तरह।। जिस्म त...
''हिर्दू कव्यशाला'' हिंदी - उर्दू के प्रचार - प्रसार के लिए गठित एक अ-व्यावसायिक संस्था है जिसके संरक्षक मशहूर शायर डा. अंसार क़म्बरी और प्रसिद्द कवि डा. कमलेश द्विवेदी हैं संस्था के संस्थापक युवा शायर शिवम् शर्मा गुमनाम एवं अध्यक्षा रश्मि द्विवेदी हैं...