Vyanjana pandey at hirdu kavyashala
ग़ज़ल: पागल था या दीवाना था... शायद वो पागल था या दीवाना था। दिल की बातों से वो तो बेगाना था।। इश्क करेगा, तौबा-तौबा ज़िद उसकी, बिन खोये ही उसको सब कुछ पाना था।। चौखट दिल की पार नहीं...
''हिर्दू कव्यशाला'' हिंदी - उर्दू के प्रचार - प्रसार के लिए गठित एक अ-व्यावसायिक संस्था है जिसके संरक्षक मशहूर शायर डा. अंसार क़म्बरी और प्रसिद्द कवि डा. कमलेश द्विवेदी हैं संस्था के संस्थापक युवा शायर शिवम् शर्मा गुमनाम एवं अध्यक्षा रश्मि द्विवेदी हैं...