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Showing posts from April, 2019

Vyanjana pandey at hirdu kavyashala

ग़ज़ल: पागल था या दीवाना था... शायद वो पागल था या दीवाना था। दिल की बातों से वो तो बेगाना था।। इश्क करेगा,  तौबा-तौबा ज़िद उसकी, बिन खोये ही उसको सब कुछ पाना था।। चौखट दिल की पार नहीं...

Shivam Sharma gumnam at hirdu kavyashala

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शिवम् शर्मा गुमनाम संस्थापक  ग़ज़ल: और आख़िर में ख़ुदकुशी कर ली... हम ने जिस दिन से आशिक़ी कर ली। बद से बदहाल ज़िंदगी कर ली। पहले इज़हार ए इश्क़ हमने किया, और आख़िर में ख़ुदकुशी कर ली।। मिन्नतें की न हमनें सूरज से, ख़ुद जले और रौशनी कर ली।। दोस्तों से सबक लिया हमने, दुश्मनों से ही दोस्ती कर ली। हम थे गुमनाम दिलजले शायर, अपने अश्क़ों से शाइरी कर ली।। ग़ज़ल: शायरी बेमिसाल देता है... जब वो उसका ख़्याल देता है। शायरी बेमिसाल देता है।। उसकी ज़ुल्फ़ें और आँख का काजल, जान मुश्किल में डाल देता है।। जीत मेरी है उसकी मुट्ठी में, बस वो सिक्का उछाल देता है।। है नहीं जो मेरे मुक़द्दर में, फिर क्यूँ उसका मलाल देता है।। शेर गुमनाम जब सुनाता है, तो कलेजा निकाल देता है।। - शिवम् शर्मा गुमनाम हिर्दू से जुड़ें: शिवम् शर्मा गुमनाम, संस्थापक एवं सचिव रश्मि द्विवेदी, अध्यक्षा वैभव पालीवाल, उपाध्यक्ष संपर्क सूत्र: 7080786182, 9889697675

Shakeel aazmi at hirdu kavyashala

ग़ज़ल: शक़ील आज़मी बात से बात की गहराई चली जाती है। झूठ आ जाए तो सच्चाई चली जाती है।। रात भर जागते रहने का अमल ठीक नहीं, चाँद के इश्क़ में बीनाई चली जाती है।। मैं ने इस शहर को देखा भी ...

gaurav trivedi at hirdu kavyashala

ग़ज़ल:  रूह का क्या होता है??? जिस्म मरता है तो फिर रूह का क्या होता है । मौत ही सच है तो फिर मुझको बता सच क्या है । । वो मुझे छोड़ के दुनिया का हुआ जाता है । जिसको मैने ही सिखाया था मुहब्बत क्या है । । मेरी ग़ज़लों को इकट्ठा तो करो फिर देखो । कैसे अशआर की सूरत में ढला चेहरा है । । पहले सुख - दुख कई महसूस हुआ करते थे । मुझपे अब जो भी गुज़रता है गुज़र जाता है । । प्यार कर पाऊँ मैं अब ऐसा नहीं हो पाउँगा । चाहता तो हूँ मगर तेरा नहीं हो पाउँगा । । ग़ज़ल:  अब मैं ख़ुद भी चाहूँ तो वैसा नहीं हो पाउँगा... मुझसा दुनिया में तलाशे फिर रही हो तो सुनो । अब मैं ख़ुद भी चाहूँ तो वैसा नहीं हो पाउँगा । । कूज़ागर मुझको बनाते वक्त इतना ध्यान रख । मैं बिना मेहबूब के पूरा नहीं हो पाउँगा । । बाद माँ के भी मैं प्यारा तो हूँ लाखों का मगर । अब किसी की आँख का तारा नही हो पाउँगा । । उसने जब छोड़ा था मेरी उम्र थी इक्किस बरस । तबसे इक्किस का ही हूँ बुड्ढा नही हो पाउँगा । । -    गौरव  त्रिवेदी हिर्दू से जुड़ें: शिवम् शर्मा गुमनाम,  संस्थापक एवं सचिव रश्मि द्विवेदी,  अध...

Aslem Rashid at hirdu kavyashala

ग़ज़ल: बड़ा ख़सारा हुआ... उसको छूकर बड़ा ख़सारा हुआ। लौट आया मैं ख़ुद में हारा हुआ।। ख़ाक में मिल के लोग ख़ाक हुऐ, ख़ाक को मल के मैं सितारा हुआ।। उसके होकर भी कब हुए उसके, जिस्म पहने रहे उता...

Krishna kumar naz at hirdu kavyashala

गीत: मैं तुम्हारा हूँ... हो कठिन, चाहे सरल हो ज़िंदगानी का सफ़र। मैं तुम्हारा हूँ, तुम्हारा ही रहूंगा उम्रभर।। अब विवशताएं न ज़ंजीरें बनेंगी पांव की। अब न होगी रोशनी फीकी हृदय के...

ENGLISH POETRY

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ENGLISH POEMS... Poem : Rashmi Dwivedi yaa... once again i need you to hold me tight yaa once again i want me to to feel alright yaa... once again i want to  love you like insane yaa... once angain i want  to feel the same yaa... just for once... just... just for once... Poem: Pratibha Sharma Why everything is so soulful, Why the world looks so beautiful. Am I not the same, Or rest of the world has changed. Why flowers smile at me, Why wind cuddles with me. Why the atmosphere is so harmonious, Why I am not that conscious. Why I am not worrying about the future, Why we are lost together. Why everything is beneath and I am above, Am I falling in love.... Poem: Shivam Sharma Gumnam You The one Who is the reason of my existence Your alcoholic eyes Pour lots of courage in me To face all difficulties Your rosy lips Fill color in my life Your glowing face Lights up my life   You are the ...

Ansar Qumbari at hirdu kavyashala

ग़ज़ल: अब यही ज़िंदगी है तो हम क्या करें... अपने दामन को अब और नम क्या करें।। छोड़िये बीती बातों का ग़म क्या करें।। इसलिए हमने उनका यकीं कर लिया, खा रहे थे क़सम पर क़सम क्या करें।। ये तो ...

Yash & shivam at hirdu kavyashala

जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं यश... 🎂🎂🎂🎂💐💐💐💐🎂🎂🎂🎂 ग़ज़ल: मैं उसकी याद में खोया हुआ था... मैं उसकी याद में खोया हुआ था। जो मेरे सामने बैठा हुआ था।। न होना चाहिए जिनको जहाँ प...

Shameem abbas at hirdu kavyashala

ग़ज़ल: सोचा है यूँ सज़ा देंगे... उसे न मिलने की सोचा है यूँ सज़ा देंगे। हर एक जिस्म पे चेहरा वही लगा देंगे।। हमारे शहर में शक्लें हैं बे-शुमार मगर, तिरे ही नाम से हर एक को सदा देंगे।। ...

Aks samastipuri at hirdu kavyashala

ग़ज़ल: मुझे छोड़ के जाने वाले... हो भला तेरा, मुझे छोड़ के जाने वाले। नाज़ करते हैं मेरा नाज़ उठाने वाले। अब मेरी चीख़ सुनाई नहीं देती है क्या, मेरी हर आह पे सीने से लगाने वाले। दिल की बे...

Tarif niyazi at hirdu kavyashala

ग़ज़ल: मेरीआँख नम हो जाएगी... याद में तेरी जो मेरी आँख तर हो जाएगी। सारी दुनिया को मेरे ग़म की ख़बर हो जाएगी।। एंट्री जब भी मेरी होगी तुम्हारी फ़िल्म में, बेअसर जो है कहानी बाअसर हो ज...

Azm shakiri at hirdu kavyashala

ग़ज़ल: ख़ून आँसू बन गया आँखों में भर जाने के बाद... ख़ून आँसू बन गया आँखों में भर जाने के बाद। आप आए तो मगर तूफ़ाँ गुज़र जाने के बाद।। चाँद का दुख बाँटने निकले हैं अब अहल-ए-वफ़ा, रौशनी...

Waseem barelvi at hirdu kavyashala

ग़ज़ल: प्रो. वसीम बरेलवी, अंतर्राष्ट्रीय शायर ग़ज़ल : दुनिया का सारा नशा उतरता चला गया... दरिया का सारा नशा उतरता चला गया। मुझको डुबोया और मैं उभरता चला गया।। वो पैरवी तो झूट की करत...

Munavvar rana at hirdu kavyashala

ग़ज़ल: मुनव्वर राणा मेरी ख़्वाहिश है कि फिर से मैं फ़रिश्ता हो जाऊँ। माँ से इस तरह लिपट जाऊं कि बच्चा हो जाऊँ।। कम-से कम बच्चों के होठों की हंसी की ख़ातिर, ऎसी मिट्टी में मिलान...